आज एक कहानी याद आ रही है ..
गाँव की दुकान पर ग्वाले की लड़की जा कर कहती है
लाला जी माँ ने एक किलो चीनी मंगाई है !
ठीक है; लाला ने चीनी देते हुए पूछा; "घी बनाया आज" ?
"जी लाला जी",--- "अच्छा एक किलो ले आना" !
लड़की घर जा कर कहती है "लाला जी ने घी मंगवाया है"
एक किलो घी तोल कर लाला की दुकान पर पहुंचा दिया गया !
ज़रा ही देर में लाला जी ग्वाले के घर आ धमकते हैं,
गुस्से से लाल पीले, लड़की सामने पड़ जाती है,
बुला अपनी माँ को ;
क्या हुआ लाला, इतने नाराज क्यों हो रहे हो ?
अरे मैं ही मिला बेवकूफ़ बनाने के लिए !
लाला कुछ बताओगे भी ?
एक किलो घी मंगवाया था, आठ सौ ग्राम निकला !
बस लाला इत्ती सी बात !
वो तो एक किलो का बट्टा कहीं दब गया, मिल नहीं रहा था,
अभी अभी लौंडिया एक किलो चीनी लेकर आई थी ना,
सो मैं ने तराजू पर रख कर घी तोल दिया ! .....
# इस कहानी में कहीं आप अपने आस-पास की और
(खुदा न करे अपनी) तस्वीर तो नहीं देख पा रहे है ?
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